मिडकैप, स्मॉलकैप में क्यों आई तगड़ी गिरावट? अनिल सिंघवी से जानिए आगे क्या करें और कैसे बनाएं पैसा
Editor's Take: जी बिजनेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी ने मिडकैप, स्मॉलकैप में आए इस एक्शन को डिकोड किया है. उन्होंने बताया कि आखिर गिरावट क्यों आई और आगे पैसा बनाने के लिए निवेशकों को क्या करना चाहिए.
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Editor's Take: मिडकैप, स्मॉलकैप शेयरों में बुधवार को जबरदस्त एक्शन देखने को मिला. स्मॉलकैप इंडेक्स लाइफ हाई से 5% टूट गया. जबकि मिडकैप इंडेक्स में लाइफ हाई से 3.4% की गिरावट देखने को मिली. आखिर अचानक मार्केट में ऐसा क्या हुआ कि मिडकैप, समॉलकैप में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली. जी बिजनेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी ने मिडकैप, स्मॉलकैप में आए इस एक्शन को डिकोड किया है. उन्होंने बताया कि आखिर गिरावट क्यों आई और आगे पैसा बनाने के लिए निवेशकों को क्या करना चाहिए.
मार्केट गुरु अनिल सिंघवी का कहना है, मिडकैप, स्मॉलकैप में एकतरफा तेजी के बाद 4-5 फीसदी की गिरावट बहुत ज्यादा नहीं है. तेजी के बाजार में बढ़ने में भी मिडकैप, स्मॉलकैप आगे रहेंगे और गिरते बाजार में भी आगे रहेंगे. इसलिए इस गिरावट से घबराने की जरूरत नहीं है.
क्यों गिरे मिडकैप, स्मॉलकैप?
अनिल सिंघवी का कहना है, म्यूचुअल फंड्स इंडस्ट्री की तरफ से तीन बड़े एक्शन हुए है. पहला, एम्फी की तरफ से म्यूचुअल फंड्स हाउसेस को एक लेटर गया है. जिसमें कहा किया गया कि मिडकैप, स्मॉलकैप फंड्स में फंड फ्लो धीमा करिये. पैसा कम लीजिए क्योंकि उन्हें लगता है कि जरूरत से ज्यादा पैसा वहां आ रहा है एंट्री तो आसान है लेकिन कभी बेचने की जरूरत पड़ गई, तो दिक्कत आ सकती है. सेबी के निर्देश पर एम्फी ने यह लेटर लिखा है. इसलिए म्यूचुअल फंड्स ने खरीदने का थोड़ा हाथ रोका है. इसका मतलब कि निवेशक से हम पैसा भी कम चाहते हैं और हम भी थोड़ा कम लगाएंगे.
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दूसरा, कुछ म्यूचुअल फंड्स ने कहा कि जो उनके स्मॉल कैप फंड्स हैं, उनमें लिमिटेड पैसा चाहिए. अप्लीकेशन को लिमिट कर रहे हैं या थोड़े समय के लिए बंद कर रहे हैं. तीसरा यह कि लिक्विडिटी और वेटेज के लिहाज से अब फंड्स को लार्ज कैप थोड़े ज्यादा पसंद आ रहे हैं. यह सही है. इनमें एक अहम बात यह कि मिडकैप और स्मॉल कैप शेयरों के वैल्युएशन एवरेज से थोड़े महंगे हुए हैं. स्मॉल कैप पिछले 9 महीने के ईपीएस पर 28 टाइम ट्रेड कर रहा है. 5 साल की एवरेज 25 टाइम्स की है. इस तरह वैल्युएशन के लिहाज से थोड़े महंगे हुए हैं. हालांकि फ्यूचर की लिहाज से देखेंगे तो अभी भी मिडकैप, समॉलकैप महंगे नहीं है. मिडकैप इंडेक्स अभी 32 टाइम्स पर ट्रेड कर रहा है. आमतौर पर 28 टाइम्स पर ट्रेड करता है.
मार्केट गुरु का कहना है, गिरावट की दूसरी सबसे बड़ी वजह अब मार्च नजदीक है. एचएनई, ब्रोकर, बैंक, म्यूचुअल फंड्स जो मिडकैप में पैसा लगाते हैं, साल के अंत में वो भी अपनी पोजीशन कम रखना चाहते हैं. वहीं, साल के अंत में जितने फाइनेंसर हैं, वो अपना फाइनेंस खींचते हैं. ऐसे में ये लगता है कि जैसे-जैसे मार्च के नजदीक पहुंचते हैं फंडिंग कम हो सकती है. कुछ-कुछ बैंकों ने भी मिडकैप, स्मॉलकैप शेयरों में फंडिंग कम की है. इसके अलावा, तीसरी बड़ी वजह प्रमोटर्स की ओर से है. बाजार की इस तेजी का फायदा उठाकर प्रोमोटर्स दबाकर हिस्सा बेच रहे हैं.
मिडकैप, स्मॉलकैप में आगे क्या?
अनिल सिंघवी का कहना है, अगर आपका नजरिया 4 हफ्ते से ज्यादा का है, तो आपको कोई टेंशन नहीं है. मार्च में 3-4 फीसदी की गिरावट और इंडेक्स में आ सकती है. लेकिन अगर तेजी आए तो बहुत अच्छा, इसमें पैसा बन सकता है. पावर, पीएसयू, डिफेंस जैसे शेयरों में जिस तरह तेजी आई है, उसमें उसी अनुपात में करेक्शन भी आ सकता है. लेकिन इस समय प्राइस वाइज एक्शन की बजाय टाइम वाइज एक्शन पर फोकस करना चाहिए. टाइम वाइज एक्शन का मतलब कि मार्च तक जो भी होगा, उस पर ध्यान नहीं देना है. इलेक्शन के पहले और इलेक्शन के बाद 6 महीने में तेजी का रुझान रहता है. ऐसे में अगर महीना भर आप होल्ड कर सकते हैं, तो आपको कोई टेंशन लेने की जरूरत नहीं है.
मिड कैप, स्मॉलकैप में पैसा बनेगा, धीरे-धीरे बनेगा और थोड़ा बनेगा. अनाप-शनाप नहीं बनेगा. ये सेंटीमेंटल करेक्शन है. लेकिन जिन लोगों को लगता है कि मिडकैप, स्मॉलकैप की तेजी खत्म हो गई है, ऐसा बिलकुल नहीं है. मिडकैप को 4 हफ्ते से ज्यादा होल्ड कर सकते हैं तो कोई दिक्कत नहीं है.
09:01 AM IST